एहसास
******** एहसास ********
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जब आ जाता है मन मे ख्याल
बैचेन दिल हो जाता है दयाल
बावरा मन हो जाता है बेकाबू
दिलोदिमाग में छाये हैं सवाल
एहसास तेरा पल पल सताए
ख्वाबों में छिड़ जाता है बवाल
गलतफहमी का होकर शिकार
रिश्तों के बिगड़ जाते सुरताल
कोई जितना जाए कहीं छिप
हो हर हाल हालत में पड़ताल
शैलियों में आ जाता परिवर्तन
मनसीरत फैला चोतरफा जाल
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)