Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2019 · 4 min read

एहसास

एक एहसास जो भूला नही सकता,
मित्रों मेरा एक दोस्त शिवाजी नगर पुणे का है अतुल नादे उसकी शादी हो गया था एक माह पूर्व उस समय मैं था नही इंडिया में आज वह मेरे लिए खास पार्टी रखे थे मैं दोपहर में उसके घर पहुंच गया हम लोग खाना खाकर आराम किये फिर पुणे के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर सरसबाग जाने का प्रोग्राम था पर हम लोग वहाँ हम लोग जल्दी ही चले गए 4:30 पर शाम को पहुँच गये दर्शन करते पूजन करवाते 5:45 हो गए फिर हम लोग वहाँ से वापस शिवाजी नगर आने के लिए चल पड़े महालक्ष्मी मंदिर को ज्यो यू टर्न लिया कार एकाएक अंदर से कोई बोला जनता नगर जा मैं तुरन्त ड्राइव को बोला साथ मे कुछ लोग थे सबको आश्चर्य हुआ क्या हो गया मैं किसी को कुछ जबाब नही दिया पर मित्रो जनता नगर से 1 किलोमीटर पर ही मेरा कार पंचर हो गया हम लोग पंचर वाले कि दुकान खोजने के चक्कर मे एक झोपड़ी में जा पहुँचे वहाँ अंदर तीन लोग थे माँ एक बेटी एक बेटा मेरा ड्राइवर पूछा कि अम्मा इधर कोई पंचर की दुकान है तो अम्मा बोली एक किलोमीटर है पैदल जाना होगा मैं उसी झोपड़े में रोने की आवाज सुना एक दम तड़पते आवाज में जिज्ञासा वश चला गया देखा तो दोनों बच्चे रो रहे है पूछने पर बहुत पता चला कि 2 दिन से कुछ खाये नही पापा 1 साल पहले गुजर गये है मम्मी को कैंसर है यह सब सुनते ही मेरी आत्मा द्रवित हो गई मैं पूछा बेटा कोई मदद नही करता तो छोटा सा लड़का बोला सेठ जी लोग यहाँ के ताने मारते हैं कोई पानी तक नही लेने देते कहते है कि तेरी मम्मी को कैंसर हुआ है जो छुएगा उसे भी हो जायेगा मैं बस रो पड़ा दो मासूम बच्चो को देखकर मैं तुरन्त ड्राइवर को बोला कि सबसे पहले गाड़ी स्टार्ट कर ड्राइवर बोला सर गाड़ी तो पंचर है टायर खराब हो जायेगा मैं बोला तो लिफ्ट ले ले दूसरी गाड़ियों से और जा पहले कुछ खाने को ला यह बच्चे भूखे पेट से तड़प रहे है वह कैसे भी करके जनता नगर गया और खाना लाया दोनों बच्चे खा लिए फिर मैं कुछ रुपये दिए और बोला जा रहा हूँ बेटे दोनों बच्चे फफक कर रो पड़े मैं बोला अब क्या हुआ बोले फिर भूखे रहना होगा मेरे को दया आ गया मैं अपने दोस्त को बुलाया बोला तेरा 2 घर है पूना में कोई घर खाली है वह बोला है मैं बोला तू इनको घर मे रख खर्च मैं उठा लूंगा जब यह ठीक होंगे तो कही न कही काम कर लेगी इनकी मम्मी दोस्त मेरा बोला मेरा घर तेरा ही है पूछता क्यो है हम भी कर लेंगे इसी बहाने सेवा दोस्तो उस तीनों को लाया एक रूम में शिप्ट करवा दिया गैस राशन सब दोस्त अतुल के यहाँ से मिल गया बच्चो के लिए कपड़े खरीद दिए ऊनि और जरूरत की चीजें आते वक्त 10 हजार दे दिया मेरा दोस्त बोला चिन्ता मत कर तेरा भाई है इनके साथ दोस्तो मैं मुम्बई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के इंचार्ज से बात किया कि सर ऐसा पेसेंट है कैंसर मरीज का तो वह बोले यहाँ सब फ्री है बस कुछ पैसे उनके दवा के लगेंगे भेज दो मैं 1 लाख का चेक काट कर दोस्त को दिया कि तुम इनको इलाज करवा देना जो खर्च आये बता देना दोस्त बड़ा नेक दिल है मेरा बोला तू चिन्ता मत कर जब मैं निकला तो तीनों माँ बेटी बेटा लिपटकर रोने लगे बोले आज तक कोई नही किया इतना जो आप एक झटके में कर दिए मैं बोला यह सब मैं नही किया आपका भाग्य और माता महालक्ष्मी ने कराया मैं बहुत मुश्किल से वहाँ से निकला पर दोस्तो आज जो शांति सुकून संतोष मेरे चेहरे पर था ऐसा 13 साल के बाद पहली बार दिखा ऐसा महसूस हुआ कि हो न हो कही न कही आज भी मेरे पत्थर दिल में किसी के दुख को देखकर तड़पता है।
दोस्तो यह एकाएक आत्मा की आवाज आना अचानक वहाँ जाना कार का पंचर होना यह सब इत्तफाक है कि उसके नसीब में लिखा गया था जो कि मेरा एक दोस्त पल्लू अकोलकर 6 बजे मिलने का वादा किया था मन्दिर पर लेकिन मेरा मन ऐसा बेचैन हुआ कि उस दोस्त का इंतजार नही कर पाया और 6 से पहले निकल गया क्योकि कोई मेरा भूखा पेट इन्तजार कर रहा था।

दोस्तो आप भी कही जा रहे हो कोई अगर भूखा प्यासा मिल गया तो उसे इंगोर मत करो जितना हो सके उतना मद्दद जरूर करो ऊपर वाला तुम्हे बुरे वक्त में जरूर बचायेगा।

आज की ताजी घटना पुणे की।।।।।

Language: Hindi
Tag: लेख
370 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
आईना
आईना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
My life's situation
My life's situation
Sukoon
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
Ravi Prakash
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
Basant Bhagawan Roy
राह हमारे विद्यालय की
राह हमारे विद्यालय की
bhandari lokesh
■ आज का प्रहार
■ आज का प्रहार
*Author प्रणय प्रभात*
अब ये ना पूछना कि,
अब ये ना पूछना कि,
शेखर सिंह
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
पंखों को मेरे उड़ान दे दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परशुराम का परशु खरीदो,
परशुराम का परशु खरीदो,
Satish Srijan
"कब तक छुपाहूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नसीब
नसीब
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
किसान
किसान
Dp Gangwar
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
"The Divine Encounter"
Manisha Manjari
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
देवराज यादव
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
subhash Rahat Barelvi
आया खूब निखार
आया खूब निखार
surenderpal vaidya
असफलता का घोर अन्धकार,
असफलता का घोर अन्धकार,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
Ms.Ankit Halke jha
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
2679.*पूर्णिका*
2679.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...