एक ही ज़िंदगी में कई बार मरते हैं हम!
एक ही ज़िंदगी में कई बार मरते हैं हम!
ये जान लें आप कि ऐसा क्यों करते हैं हम!
हम जीवन-स्तर की ऊंचाईयों को नहीं छूते,
इसीलिए मर-मरकर पुनः जीते रहते हैं हम!
…. अजित कर्ण ✍️
एक ही ज़िंदगी में कई बार मरते हैं हम!
ये जान लें आप कि ऐसा क्यों करते हैं हम!
हम जीवन-स्तर की ऊंचाईयों को नहीं छूते,
इसीलिए मर-मरकर पुनः जीते रहते हैं हम!
…. अजित कर्ण ✍️