एक सुनहरा पल
कल की कहानी
याद करने पर
याद आती है
परसों की तो
नजरों के सामने
एक धुंधली तस्वीर सी नजर आती है
उससे कुछ दिन और पहले की तो
बिल्कुल जेहन से ही उतर जाती है
कितना अस्थाई है सब कुछ
फिर भी कितने उलझे रहते हैं सब
अतीत को लेकर
वर्तमान को लेकर और
भविष्य को लेकर
इस पल में नहीं जीते जो
देखा जाये तो
होता है
एक सुनहरा पल।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001