एक साल का मतलब है ३६५ अवसर – आनंदश्री
– यह अपने आप को ऑर्गनाइज करने का वर्ष है
नए वर्ष का आगमन होने को है। नन्हे बालक जैसे हम सभी इन्तजार नए साल का करते है। हर वर्ष एक संकल्प लेकर आता है। कुछ दिन याद रखते हुए फिर उस संकल्प को हम भूल जाते है। वर्ष दोहजार बावीस ऐसा ही कुछ आपके लिए लाया है। माना की इक्कीस में बहुत कुछ इधर उधर हुआ। तहस नहस हुआ। रुका थमा- सा , बिखरा निखरा और पाया खोया जैसा माहौल रहा। यह तो हर साल रहता है लेकिन बीस और इक्कीस में ज्यादा ही रहा। इक्कीस में एक अच्छा यह हुआ कि सब कुछ खुल खुल गया। हमारी जिंदगी कि ट्रैन फिर से ट्रैक पर आने लगी।
– अपने आप को ऑर्गनाइज कीजिये
अपने आप को ऑर्गनाइज , सुव्यवस्थित कीजिये। पिछले वर्ष शुरुवात करना उद्देश्य था। इस वर्ष अपने आपको सु व्यवस्थित ऑर्गनाइज करना जरुरी है। विचारो को, अपने व्यक्तित्व को, बिजनेज या नौकरी को , घर के सामानो को, समय को और अपने टूटते रिश्तो को।
माना कि दुनिया आपकी मुट्ठी में आगयी है फिर भी बहुत कुछ आपके हाथ से फिसल भी रहा है।
– संकल्प लीजिये
संकल्प में एक जबरजस्त शक्ति है। यह आपको वह करा सकती है जो आपने आज तक सोचा नही और किया नहीं। संकल्प विजेताओं का ब्रेकफास्ट है। संकल्प कि शक्ति चमत्कार करा सकती है। इंसान को साधरण से असाधारण कार्य करा सकती है। एक छोटे से प्यादे को भी चेकमेट करने वाला वजीर बना सकती है।
– शुरुआत आज से ही करे
भले ही पांच दिन बाद नया साल आने वाला है लेकिन शुरुआत आज से ही करे। मंथन करते हुए एक डायरी के साथ नए साल का नया संकल्प करे। और आज से इसी वक्त से नयी पारी की शुरुआत कर। शुभम शीघ्रम ।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता -आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता माइंडसेट गुरु, मुंबई