“एक साथ सभी शीश झुकाओ, अवध में श्रीराम आए हैं”
सजा दो हर घर दीपों से ,मेरे सरकार आए हैं।
एक साथ सभी शीश झुकाओ, अवध में श्रीराम आए हैं
फूलों से सजेगी अवध नगरी ,सकल गुणधाम आए हैं
एक साथ सभी शीश झुकाओ, अवध में श्री राम आए हैं
बरसों के इंतजार के ,सफल अंजाम आए हैं
एक साथ सभी सिर झुकाओ, अवध में श्री राम आए हैं।
तरसते नैनो को भी, अब आराम आए हैं
एक साथ सभी शीश झुकाओ ,अवध में श्री राम आए हैं
थाल सजाओ फूल बरसाओ,
मंगल गीत गाने सभी दरबार आए है।
एक साथ सभी शीश झुकाओ, अवध में श्री राम आए हैं।
कुटिया मेरी भी दुल्हन सी सजाओ, दशरथ लाल आए हैं।
एक साथ सभी शीश झुकाओ अवध में श्री राम आए हैं।
अवध की पावन धरती पर इक बार फ़िर, दिवाली मानने मोदी जी सह परिवार आए हैं।
एक साथ सभी शीश झुकाओ, अवध में श्रीराम आए हैं