एक “सहेली” एक “पहेली”
एक “सहेली” एक “पहेली”
बालपन, अपनापन की “समीक्षा” तुम !
सब कुछ मिलकर सीखा साथ हमने
बनी मैं कभी कलम तो शिक्षा तुम !!
विशाल शुक्ल
एक “सहेली” एक “पहेली”
बालपन, अपनापन की “समीक्षा” तुम !
सब कुछ मिलकर सीखा साथ हमने
बनी मैं कभी कलम तो शिक्षा तुम !!
विशाल शुक्ल