एक शख्स
चैन से सोता है,
ख्वाब बङे अच्छे रखता है|
तू पूछना सवाल,
जवाब बङे अच्छे रखता है|
मैं भूल जाता हूँ,
जिंदगी के मायने,
एक वो है कि,
हिसाब बङे अच्छे रखता है|
सोचता बहुत हूँ,
मगर समझ नहीं आता,
अजीब है पर,
महताब बङे अच्छे रखता है|
तुम देखो तो,
धोखा खा ही जाओगे,
अपने चेहरे पर वो,
नकाब बङे अच्छे रखता है| |
रोहताश वर्मा ” मुसाफिर “