Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2021 · 1 min read

“एक वायरस क्यूँ जी का जंजाल हो गया”

पिंजरे में बंद पंछियों सा हाल हो गया
हर आदमी इस हाल से बेहाल हो गया

यूँ तो बड़ा रईस है दौलत है बेशुमार
साँसों की बात आई तो कंगाल हो गया

दौड़ती इस दुनिया की रफ्तार थम गई
कैसे बचाएं खुद को ये सवाल हो गया

सूनी पड़ी हैं गलियां सूने पड़े बाज़ार
खौफ का ये बादल विकराल हो गया

डाली पे बैठे पंछी से कहने लगा शज़र
खुद पे जो आज गुज़री तो बवाल हो गया

कैसा ये वक़्त आया जो काटे नहीं कटता
लगता है एक दिन भी एक साल हो गया

सावी कहे कुछ सोच ऐ इंसा विचार कर
एक वायरस क्यूँ जी का जंजाल हो गया।
सविता गर्ग “सावी”
पंचकूला

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 587 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होठों पर मुस्कान,आँखों में नमी है।
होठों पर मुस्कान,आँखों में नमी है।
लक्ष्मी सिंह
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
ज़िन्दगी में हमेशा खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
कवि दीपक बवेजा
पूछा किसी ने  इश्क में हासिल है क्या
पूछा किसी ने इश्क में हासिल है क्या
sushil sarna
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
जिस के पास एक सच्चा दोस्त है
जिस के पास एक सच्चा दोस्त है
shabina. Naaz
हरि का घर मेरा घर है
हरि का घर मेरा घर है
Vandna thakur
*ऊन (बाल कविता)*
*ऊन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
बदली - बदली हवा और ये जहाँ बदला
बदली - बदली हवा और ये जहाँ बदला
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"वो दिन दूर नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गंगा घाट
गंगा घाट
Preeti Sharma Aseem
सुनो
सुनो
पूर्वार्थ
* सामने बात आकर *
* सामने बात आकर *
surenderpal vaidya
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
Sanjay ' शून्य'
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
श्याम सिंह बिष्ट
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
आँखे हैं दो लेकिन नज़र एक ही आता है
शेखर सिंह
तारीफ क्या करूं,तुम्हारे शबाब की
तारीफ क्या करूं,तुम्हारे शबाब की
Ram Krishan Rastogi
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रंगों का महापर्व होली
रंगों का महापर्व होली
Er. Sanjay Shrivastava
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
#आंखें_खोलो_अभियान
#आंखें_खोलो_अभियान
*Author प्रणय प्रभात*
गुरूर चाँद का
गुरूर चाँद का
Satish Srijan
Loading...