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21 Aug 2024 · 1 min read

एक मौन

घर
घर में होती है अक्सर
चार दीवारी एक छत छत पर लगा पंखा
ओर दीवार पर लगा होता एक रोशनदान और आइना
उस आइने जब भी मैं अपने आप को देखता हूं
तो
दिखाई नहीं देता मैं
मुझे दिखाई देती है
एक उम्र
कुछ सपने
एक मौन
और गहरे काले साये
कुछ बैचेनी कल की
कुछ खलबलआहट आज की
ओर इतना देखने के बाद अचानक से याद आता है
कल दफ्तर जाना है

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