एक मुस्कुराहट की लकीर
मन अंदर तक
भरा हुआ है
हल्का महसूस होगा जो
मैं भर भरकर तुम्हें
गालियां दूं
सामने पड़ते ही पर
तुम्हारे
होठों पर जबरदस्ती
एक मुस्कुराहट की लकीर
खींचनी पड़ती है
पहले से ही
दिलों में कड़वाहट और
दूरियां बहुत हैं
मैं अपनी भड़ास
निकालकर
हालात को और अधिक
खराब
बद से बदतर बनाना नहीं
चाहती।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001