Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2020 · 1 min read

एक मजदूर की व्यथा

भूख अशिक्षा और गरीबी से, वतन में मैं मजबूर हुआ
पेट की आग बुझाने भैया, शहर शहर मजदूर हुआ
लाचारी बेबसी मुफलिसी, पेट से लेकर आया
इस पापी पेट ने ही मुझको, शहर शहर भटकाया
हाड़तोड़ मेहनत से भी, रोटी कपड़ा मकान न मुझको मिल पाया
मुन्ना भी अब बड़ा हो गया, साथ मजूरी करता है
मुनिया की शादी कर दी, वह भी झुग्गी में रहती है
झाड़ू पोछा और बर्तन से, गाड़ी उसकी चलती है
बिस्तर पकड़ा मुनिया की मां ने, टीवी ने उस को घेर लिया
जैसे तैसे चलता था घर, इस केरोना हमको तोड़ दिया
न पैसा न काम हाथ में, न खाने को रोटी
रोज कमाने खाने वालों की, ऐसी किस्मत फूटी
ये शहर भी मैंने बनाया,जो आज हो गया पराया
मुन्ना मुनिया छोटे थे, तब इस शहर में आया
ये सड़कें ये मल्टी, इनमें खून पसीना मेरा है
पर इस शहर में अब तो, कोई नहीं मेरा है
चारों तरफ अंधेरा है
इसीलिए भैया जी, पैदल गांव की ओर चले
दिल का दर्द पांव के छाले, आंसू भी अब सूख गए
किसको अपनी व्यथा बताऊं, हम कितने मजबूर हुए
मेरा जीवन तो भैया, एक दुख भरी कहानी है
अंतहीन कष्टों में मेरी, बीत रही जिंदगानी है
राम-राम कह दिया शहर को, अब लौट नहीं शहर आएंगे
नहीं मिलेगी रोटी पूरी, आधी में काम चलाएंगे

Language: Hindi
11 Likes · 4 Comments · 328 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
कहानी - आत्मसम्मान)
कहानी - आत्मसम्मान)
rekha mohan
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
Anil Mishra Prahari
गाँव पर ग़ज़ल
गाँव पर ग़ज़ल
नाथ सोनांचली
होली की मुबारकबाद
होली की मुबारकबाद
Shekhar Chandra Mitra
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
जाहि विधि रहे राम ताहि विधि रहिए
Sanjay ' शून्य'
"झूठ और सच" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ज़िंदगी को इस तरह भी
ज़िंदगी को इस तरह भी
Dr fauzia Naseem shad
अभिमान
अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
धन्यवाद बादल भैया (बाल कविता)
धन्यवाद बादल भैया (बाल कविता)
Ravi Prakash
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
Shweta Soni
विश्वास करो
विश्वास करो
TARAN VERMA
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
स्वप्न मन के सभी नित्य खंडित हुए ।
Arvind trivedi
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
Nasib Sabharwal
गाँधी हमेशा जिंदा है
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
*Author प्रणय प्रभात*
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
रिश्ते
रिश्ते
Harish Chandra Pande
2907.*पूर्णिका*
2907.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर न बने नये रिश्ते ,
अगर न बने नये रिश्ते ,
शेखर सिंह
बे-असर
बे-असर
Sameer Kaul Sagar
कहानी-
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
देश के दुश्मन कहीं भी, साफ़ खुलते ही नहीं हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
देश के वीरों की जब बात चली..
देश के वीरों की जब बात चली..
Harminder Kaur
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
Loading...