#एक बूंद#
कुछ आस है, कुछ पास है,
बस एक बूंद की तलाश है।
बहते दरिया में भी अलग सी प्यास है,
समंदर को भी लगी अजब सी त्रास है।
क्या है घुटन? कोई क्यों बना एक लाश है,
बस एक बूंद की तलाश है।
हसरत ना कोई, हरकत ना कोई,
अश्रु की बूंद सा शोहबत ना कोई।
नैनों से उतरा कोई, दिल में कुछ ख़ास है,
बस एक बूंद की तलाश है।
कहीं जेहन में ढेरों बातें, कहीं लबों पर काश: है,
कहीं पड़ा है भुज्ज अँधेरा, कहीं पे ढेरों प्रकाश है।
जीवन की पगडंडी पर चलने का अपना ही उल्लास है,
बस एक बूंद की तलाश है।
लहरें बढ़ती गयी और हाथों से पतवार छूट गया,
बीच समंदर में ही कोई हमको लूट गया।
पत्थर हो चाहे दिल पर किसी कोने में जगा एक एहसास है,
बस एक बूंद की तलाश है।
बस एक बूंद की तलाश है।।
✍️ हेमंत पराशर