एक बूंद सुकून
मेरी ज़िंदगी के
आखिरी लम्हों में
कोई झूठ मत रखना
कोई फ़रेब मत रखना
मत रखना
कोई झूठी उम्मीद
तसल्ली… ख़्वाब
बस उस एक लम्हे में
एक बूंद सुकून डाल देना
जो मुझे टनों मिट्टी के नीचे
सैराब करती रहें
क़यामत तक।
मेरी ज़िंदगी के
आखिरी लम्हों में
कोई झूठ मत रखना
कोई फ़रेब मत रखना
मत रखना
कोई झूठी उम्मीद
तसल्ली… ख़्वाब
बस उस एक लम्हे में
एक बूंद सुकून डाल देना
जो मुझे टनों मिट्टी के नीचे
सैराब करती रहें
क़यामत तक।