एक बार हनुमान
तोडा था जैसे कभी ,.. . .रावण का अभिमान !
कलियुग के अब दंभ को, तोड़ो प्रभु हनुमान !!
लगता भारी काम भी, .वहाँ हमे आसान !
बस जाते दिल मे जहाँ,एक बार हनुमान !!
रमेश शर्मा.
तोडा था जैसे कभी ,.. . .रावण का अभिमान !
कलियुग के अब दंभ को, तोड़ो प्रभु हनुमान !!
लगता भारी काम भी, .वहाँ हमे आसान !
बस जाते दिल मे जहाँ,एक बार हनुमान !!
रमेश शर्मा.