Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2016 · 1 min read

एक बार बता तो आखिर बात क्या है ?

एक बार बता तो आखिर बात क्या है ?
खफा होना तो हक़ है तेरा,
मगर ये बेवजह बेरुखी कि बुनियाद क्या है ?
एक बार बता तो आखिर बात क्या है ?

काफिले जज़्बात दफ़न है दिल में तेरे,
उभर आते हैं बार बार आँसू बनके ,
ये आँखों में तेरी छुपे हुए राज क्या है.?
एक बार बता तो आखिर बात क्या है ??

तेरी ख़ामोशी भी है सजा मेरे लिये,
आखिर इस सजा का निजात क्या है ?
एक बार बता तो आखिर बात क्या है?

**##@@कपिल जैन @@##**

Language: Hindi
428 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" ब्रह्माण्ड की चेतना "
Dr Meenu Poonia
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
जैसी सोच,वैसा फल
जैसी सोच,वैसा फल
Paras Nath Jha
“ बधाई आ शुभकामना “
“ बधाई आ शुभकामना “
DrLakshman Jha Parimal
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संविधान का पालन
संविधान का पालन
विजय कुमार अग्रवाल
■ आज का चिंतन
■ आज का चिंतन
*Author प्रणय प्रभात*
ऐतबार कर बैठा
ऐतबार कर बैठा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
'अशांत' शेखर
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
बिखरने की सौ बातें होंगी,
बिखरने की सौ बातें होंगी,
Vishal babu (vishu)
सब कुर्सी का खेल है
सब कुर्सी का खेल है
नेताम आर सी
निलय निकास का नियम अडिग है
निलय निकास का नियम अडिग है
Atul "Krishn"
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
अगनित अभिलाषा
अगनित अभिलाषा
Dr. Meenakshi Sharma
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
औलाद
औलाद
Surinder blackpen
#सुप्रभात
#सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
मित्र
मित्र
लक्ष्मी सिंह
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अनुभूति
अनुभूति
Dr. Kishan tandon kranti
साइस और संस्कृति
साइस और संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
जब होती हैं स्वार्थ की,
जब होती हैं स्वार्थ की,
sushil sarna
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
Taj Mohammad
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी
हाँ, मेरा यह खत
हाँ, मेरा यह खत
gurudeenverma198
दर्द का बस एक
दर्द का बस एक
Dr fauzia Naseem shad
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...