एक बछड़े को देखकर
एक बछड़े को ,
देखने के बाद,
ऐसे ही ,
मुंह मत फेर लिया करो ,
हो सकता है ,
कि ,
वो भी ,
लाडला,
शहजादा ,
हो ,अपनी माता का,
क्या हुआ ,
जो उसने ,
नहीं पहने ,
हीरे मोती ,
और ,नहीं ओढे ,
मखमली दुशाले,
पर, जब,
उसकी माता,
उसकी पीठ ,
अपनी जीभ से,
चाटती है ,
तब ,वो ,
उस पर,
लुटा रही होती है ,
संसार का,
बेहतरीन वात्सल्य,
वो, स्फूर्ति से भरा,
बछड़ा,
आगे चलकर ,
खेतों के लिए,
मित्र बनेगा,
खेत पर,
फसलें उगेंगी।
उसके हौसले,से,
उसके गोबर और मूत्र से,
सिंचिंत फसल,
के , अनाज को,
पायेंगे,
दुनियाभर के,
न जाने कितने शहजादे।