एक नायाब मौका
कितने दिन बाद मिले
ऐसे क्यों आवाद मिले ?
कुछ तो दिल में गम रखा होता ?
कुछ तो आंसू आंखों में लाया होता?
बिन आंसू के गम क्या?
बिना हुए आंखों के नम को
गम, कहा नहीं जाता है,
इसे मात्र दिखावा ही समझा जाता है |
दुनिया बड़ा अजीब है
आँखों में सब करीब है,
फिर भी क्यों लगता मुझे?
मैं भू पर हूँ तू ऊपर है |
एक मौका खोजता हूँ मैं
अपनो से दूरियां घटाने को
सब से मिलकर खुशियाँ मनाने को |