Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 2 min read

“एक नज़्म तुम्हारे नाम”

आज बहुत दिनों बाद एक नज़्म लिखी है,
नज़्म में सिर्फ़ तेरी ही बात लिखी है, वो हमारी पहली मुलाक़ात की दास्तां लिखी है,
ट्रैन का मेरा सफ़र और फिऱ तेरे शहर में गुज़री मेरी रात की कहानी लिखी है,
मेरी ट्रेनिंग के टाइम में वो छुट्टियों के बहाने बना कर तुझसे मुलाकात की वो हसीन शब-ए-वस्ल लिखी है,
कैसे तू मेरी नब्ज़ देख कर मेरा हाल बता देती थी, बुख़ार में मेरा सर दबा देती थी,
जब-जब तू मुझे सीने से लगाती थी मानों ज़िन्दगी वहीं थम सी जाती थी,
तेरे होंठ मेरे होंठो से टकराते थे, तब-तब मेरी साँसों को महका देते थे,
वो छत में हमारा बैठ कर ढेर सारी बातें करना, तेरा वो हँसते हुए वो मेरे बच्पन की नादानियों के किस्से सुन्ना,
तेरी वो हाँसी के अफसाने लिखे है,
आज बहुत दिनों बाद एक नज़्म लिखी है, नज़्म में सिर्फ़ बस तेरी ही बात लिखी है,
तेरी नाक का वो तिल जो मुझे बहुत प्यारा लगता था, दुनियां में तेरे सिवा मुझे कोई ख़ुबसूरत नहीं लगता था,
मेरी पहली पोस्टिंग में तेरा वो मुझे दवाइयों से भरा हुआ बॉक्स देना, हर दावा को कैसे और कब खाना है वो सब डिटेल्स में लिख देना,
तेरी आँखे उस समंदर से भी ज्यादा गहरी थी जिनमें कभी मैं डूब जाया करता था,
मेरा वो डयूटी के लिए तुझसे दूर जाना और तेरा वो दरवाज़े में खड़े रह के बस मुझे घूरना लिखा है, हिज्र की रातों में बहे तेरे आँसूओं की सिहाई से ये नज़्म लिखी है, नज़्म में बस तेरी ही बात लिखी है,
काश तू होती तो आज मैं यूँ बंजारा ना फ़िरता, कोई बेहाया मुझसे मेरी औकात ना पूछती,
तेरे लिए मेरा इश्क़ हमेशा खास था, कड़ी धूप में छाव था, काश मैं कभी तेरे मन को समझा होता, खुदगर्ज़ी में तेरे से दूर ना होता,
अपनी पलकों में मेरे ख़्वाब भी सजा लेती थी, मेरे बदले के आँसू भी बहा लेती थी, मेरी पल्लो मुझे अपनी पलकों में छुपा लेती थी,
तेरी पलकों पे सजे मेरे ख़्वाबों की दुनियां लिखी है, आज बहुत दिनों बाद एक नज़्म लिखी है और नज़्म में सिर्फ़ तेरी ही बात लिखी है।
“लोहित टम्टा”

134 Views

You may also like these posts

वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
पूर्वार्थ
दिल के किसी कोने में
दिल के किसी कोने में
Chitra Bisht
"प्रकाशित कृति को चर्चा में लाने का एकमात्र माध्यम है- सटीक
*प्रणय*
नववर्ष की बधाइयां शुभकामनाएं
नववर्ष की बधाइयां शुभकामनाएं
Sudhir srivastava
Life is too short
Life is too short
samar pratap singh
"सच की सूरत"
Dr. Kishan tandon kranti
किरदार निभाना है
किरदार निभाना है
Surinder blackpen
4292.💐 *पूर्णिका* 💐
4292.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
शेखर सिंह
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक दोहा...
एक दोहा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
I Am Always In Search Of The “Why”?
I Am Always In Search Of The “Why”?
Manisha Manjari
मुझे मेरी पहचान चाहिए
मुझे मेरी पहचान चाहिए
MEENU SHARMA
भभक
भभक
Dr.Archannaa Mishraa
बोनूसाई  पर  दिखे, जब जब  प्यारे  सेब ।
बोनूसाई पर दिखे, जब जब प्यारे सेब ।
Neelofar Khan
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
धक धक धड़की धड़कनें,
धक धक धड़की धड़कनें,
sushil sarna
ताशकंद वाली घटना।
ताशकंद वाली घटना।
Abhishek Soni
"तुम्हें आना होगा"
Lohit Tamta
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
मुस्कुराहट खुशी की आहट होती है ,
Rituraj shivem verma
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
मैं हारा हूं बस एक परीक्षा में
मैं हारा हूं बस एक परीक्षा में
Ankita Patel
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
प्रदीप कुमार गुप्ता
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
आओ कुछ दिल की बातें करके हल्का हो लें।
आओ कुछ दिल की बातें करके हल्का हो लें।
Jyoti Roshni
तिनका तिनका लाती चिड़िया
तिनका तिनका लाती चिड़िया
डॉ. दीपक बवेजा
रहमत थी हर जान ,,,
रहमत थी हर जान ,,,
Kshma Urmila
Loading...