“एक नई सुबह आयेगी”
“एक नई सुबह आयेगी”
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कल, एक नई सुबह आयेगी;
संग में, नई शाम भी लाएगी;
हर तरफ होंगी खुशियां,सह;
खूबसूरत,पैगाम भी लाएगी।
सबमें, नई उम्मीद जगाएगी;
बदलेंगे , सबके ही जज़्बात;
मिट जायेगी, हर जात-पात;
जब,एक नई सुबह आयेगी।
स्वच्छ, निर्मल हो नई सुबह;
स्वस्थ भारत हो, यही सुबह;
जन-जन यही , गान गायेगी;
जब,एक नई सुबह आयेगी।
न भ्रष्टाचारी होंगें,न बेईमान;
पूरे होंगे प्यारे,निज अरमान;
निज देश, संकट न आयेगी;
कल,’एक नई सुबह आयेगी’।
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स्वरचित सह मौलिक;
……✍️पंकज कर्ण
……….कटिहार।।