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22 May 2024 · 1 min read

एक दिन उसने यूं ही

एक दिन उसने यूं ही कहा था, मुझसे-

“देख एक वो भी वक्त था

और एक यह भी वक्त हैl

जब तुम मुझसे अनजान थे

और अब तुम मेरे सब कुछ हो।

यकीन नहीं होता अभी भी

दिवास्वप्न लगता है,

तेरा मेरा मिलना।

बस इतना बता दे

तूने मुझे ही क्यों अपनाया?

अच्छा सुनो!

जो तुम आ ही गयी हो अब

तो कभी लौट के ना जाना वापस।

जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं

जो तू है साथ,

तो जीने का मकसद है मेरे पास।”

©️ रचना ‘मोहिनी’

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