एक थैली के चट्टे बट्टे !
एक थैली के
चट्टे बट्टे !
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एक थैली थी
मैली सी
कुचैली सी
पुरानी थी
लगता था
समय का बोझ
अब सह
न पायेगी
साथ पड़े थे
कुछ चट्टे
कुछ बट्टे
थैली को
पसंद नहीं थे
अथवा खुद ही
निकल भागे
फ़िलहाल तो
बाहर थे
चट्टे थे
नहीं चाहते थे
थैली में वापिस
बट्टे भारी थे
उन्हें थैली नहीं
चाहती थी
फट जाऊँगी
ऊहापोह जारी है
थैली नई
अथवा पुरानी
चट्टे;बट्टे
जायेंगे इकट्ठे ही
यारी
पुरानी जो ठहरी।
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राजेश’ललित’