एक त्योहार कई है नाम
एक त्योहार कई है नाम
है भारत की संस्कृति महान
मकर-संक्रांति पोंगल लोहड़ी
कहीं पर बनती स्वादिष्ट खिचड़ी
तिल की मीठी लड्डू खाते
खुशियों से हर दिल मुस्काते
आसमान में पतंगें चढ़ती
सपनों की उड़ानें भरती
डोर ही डोर पर चढती जाती
होड़ ही होड़ में बढती जाती
ना कोई चिंता ना फिकर
न जाने जाती है किधर
अल्हड़ चंचल बालिका जैसी
उड़ती गगन में वह तो ऐसी
सारे गम विषाद भूलाकर
हर बाधा को परे हटाकर
देती है संदेश ललाम
है त्योहार खुशी का नाम.
भारती दास ✍️