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17 May 2021 · 1 min read

एक तेरी कमी है ।

कितना प्यासा हूँ मैं।
और हूँ कितना अधूरा।।

बिन तेरे बंजर सा हो गया हूँ।
और रह गया हूं मैं आधा ।।

मेरे पन्नो में तेरा जिक्र अब भी होता है।
तेरे सिवा और कुछ इनमे कहां होता है ।।

अब सब कुछ ठहर सा गया है मुझमें ।
तेरी हलचल की बस एक लहर बाकी है ।।

मुझमें तू अब भी बाकी है।

Language: Hindi
403 Views
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