एक तू मेरी खुशी
एक तू मेरी खुशी, बाकी सब वीरान है
साथ तेरे इस जहाँ का, ज़िक्र भी आसान है
प्यार के किस्सों में तेरा, नाम ही सुनता रहा
तुम मिलोगी फिर किसी दिन,ख्वाब यही बुनता रहा
मालूम है मेरी तरह, तू भी तन्हा इंसान है
साथ तेरे इस जहाँ का, ज़िक्र भी आसान है
रिमझिम गिरते सावन में,याद तुझे करता रहा
भूली बिसरी गलियों से, आवाज़ तेरी सुनता रहा
अब आहट खामोश हुई,शायद कोई गुमनाम है
साथ तेरे इस जहाँ का, ज़िक्र भी आसान है
चलो अब तुम्हें सुनाता हूँ,एक कहानी प्यार की
सिर्फ समझ लो जिंदगी, बची मेरे दिलदार की
सब कहते तुम शायर हो और मैं कहता वो जान है
एक वो मेरी खुशी, बाकी सब वीरान है
… भंडारी लोकेश ✍?