एक तुम्हारा प्यार
तुम्हारी यादों का संसार ।
हमारी साँसों का श्रृंगार ।।
हृदय की हर धड़कन का साज ;
प्रिये बस एक तुम्हारा प्यार ।
तुम्हारे चपल सजीले नैन ;
जगत की रचना के आधार ।
तुम्हारे इन अधरों का मौन ;
ऋचाओं का लगता है सार ।
तुम्हारे हृदय सिंधु से तीव्र ;
प्रवाहित हो करुणा की धार ।
राहुल द्विवेदी ‘स्मित’