एक तरफा प्यार
जब भी हम पढ़ने बैठते हैं
कमबख्त उसकी याद आती है
शब्द नहीं दिखते ठीक से
बस उसकी तस्वीर नज़र आती है।।
जब जाते है कॉलेज हम
उसकी ही राह तकते रहते है
क्या पूछ रहा है टीचर, अनजान
इससे, कुछ भी कहते रहते है।।
अच्छा कहते थे जो टीचर हमें
आज बिगड़ा हुआ समझते है
ये हो क्या गया है मुझे मां बाप भी
अब बात बात पर परखते है।।
हर वक्त वो खुद पढ़ती हुई नज़र आती है
हमेशा कुछ न कुछ करते हुई नज़र आती है
मैं सोचता रहता हूं हर वक्त उसके बारे में, और
वो मेरी भावनाओं से अनजान नज़र आती है।।
बीत रही मेरे दिल पर जो
अब मैं कैसे बताऊं उसे
उसे तो कोई फर्क नहीं पड़ता
अब मैं कैसे समझाऊं उसे।।
आज पूछता हूं उस रब से, क्यों
किसी के लिए दिल में प्यार जगाता है
जगा ही देता है तो, उसके दिल में भी
थोड़ी सी जगह क्यों नहीं दिलाता है ।।
प्यार मिलता है किस्मत वालों को
दो दिलों का मेल, रब की रज़ा होती है
मानो या न मानो, है यही सच्चाई
एक तरफा प्यार तो एक बुरी सज़ा होती है।।