एक तमन्ना जीने की
एक दीये की
एक तमन्ना जलने की
दीये की बाती की चाहत
तेल के तरल पदार्थ में
भर भर भीग जाने की
उसे खुद में सोखते रहने की
उसमें डूबे रहने की
दीये को प्रकाश की
ऊर्जा का प्रवाह देते रहने की
मिट्टी के दीये के
अपने घर में
प्रकाश उत्सव मनाते
रहने की
खुद के संग संग
सर्वस्व व्याप्त अंधेरे के
बुझे हुए दीये
फिर से
जलाने की
इस दुनिया में
जिसने जन्म लिया
जिसने एक बार
सांस भरी
वह आखिरी सांस तक
आखिर क्यों नहीं चाहेगा
जीना
हर जीवन की आखिरकार
होती ही है
एक तमन्ना जीने की।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001