Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2021 · 1 min read

एक तमन्ना जीने की

एक दीये की
एक तमन्ना जलने की
दीये की बाती की चाहत
तेल के तरल पदार्थ में
भर भर भीग जाने की
उसे खुद में सोखते रहने की
उसमें डूबे रहने की
दीये को प्रकाश की
ऊर्जा का प्रवाह देते रहने की
मिट्टी के दीये के
अपने घर में
प्रकाश उत्सव मनाते
रहने की
खुद के संग संग
सर्वस्व व्याप्त अंधेरे के
बुझे हुए दीये
फिर से
जलाने की
इस दुनिया में
जिसने जन्म लिया
जिसने एक बार
सांस भरी
वह आखिरी सांस तक
आखिर क्यों नहीं चाहेगा
जीना
हर जीवन की आखिरकार
होती ही है
एक तमन्ना जीने की।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 324 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all
You may also like:
ज़िन्दगी में
ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
Dr. Man Mohan Krishna
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Dr.Priya Soni Khare
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
gurudeenverma198
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
साइड इफेक्ट्स
साइड इफेक्ट्स
Dr MusafiR BaithA
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*** यादों का क्रंदन ***
*** यादों का क्रंदन ***
Dr Manju Saini
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Agarwal
3266.*पूर्णिका*
3266.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
भविष्य के सपने (लघुकथा)
भविष्य के सपने (लघुकथा)
Indu Singh
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
*अति*
*अति*
पूर्वार्थ
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
उलझनें
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"बादल"
Dr. Kishan tandon kranti
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
Ravi Prakash
बघेली कविता -
बघेली कविता -
Priyanshu Kushwaha
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
संयम रख ऐ जिंदगी, बिखर सी गई हू |
Sakshi Singh
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
अविरल होती बारिशें,
अविरल होती बारिशें,
sushil sarna
Loading...