एक जरूरी काम
एक जरूरी काम मैं आज ही कर लेता हूं
कौन जाने कल कहां होंगे
एक जरूरी बात तुमसे आज ही कर लेता हूं
चार दिन की जिंदगी है
एक पड़ाव मंजिल का
कब यहां से हो जाए जाना
लौट कर न हो पाए आना
दो पल तुम्हारे साथ
आज ही जी लेता हूं
तुम्हारे साथ प्रेम अमृत
आज ही पी लेता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी