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12 Jun 2021 · 1 min read

एक गुलाब का फूल

यह
बंद किताब में
इसके पन्नों के बीच
दबा पड़ा
एक गुलाब का फूल
कभी तुम्हारी ही बगिया का
फूल था
यह किसी अपने की भीनी भीनी याद का
एक महकता मौसम है
दिल की छत पर रिमझिम बरसता सावन है
अंग अंग को मदहोश करता प्रेम का
आंगन है
एक बांसुरी की मीठी धुन बजाती
हवाओं का नरम आंचल है
यह शबनम के लब पर
लचकता
एक महुए के फूल की बहार है
आज वह नहीं तो
इसका अर्थ यह कदापि
नहीं कि
उसका अस्तित्व भी नहीं
उस सूखे गुलाब के फूल को
किताब के पन्नों के बीच से
खींचकर
इतनी बेरुखी से
कूड़े के ढेर में मत फेंको
यह भी चला जायेगा
सबको छोड़कर जैसे कभी
इसने अपना जीवन त्यागा था
लेकिन याद रखना
इसकी किताब के पन्नों में
रची बसी यादों के वजूद की खुशबू
ताउम्र एक साये की तरह
तुम्हारा पीछा करती रहेगी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 431 Views
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