Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2023 · 1 min read

एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर

एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
जीवन की सभी ख्वाहिशों को थोड़ा रोककर
तुम जो मिलोगे तो फिर जीवन संवारेंगे
जीता है अभी तक जो बस तुम पर हारेंगे.

डॉ. दीपक मेवाती

1 Like · 411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैदी
कैदी
Tarkeshwari 'sudhi'
2965.*पूर्णिका*
2965.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बचपन में…
बचपन में…
पूर्वार्थ
हमको तेरा ख़्याल
हमको तेरा ख़्याल
Dr fauzia Naseem shad
बहुतेरे हैं प्रश्न पर,
बहुतेरे हैं प्रश्न पर,
sushil sarna
"संवाद "
DrLakshman Jha Parimal
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
Ashwini sharma
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
Phool gufran
"सावन की घटा"
Shashi kala vyas
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
ख्वाब जब टूटने ही हैं तो हम उन्हें बुनते क्यों हैं
PRADYUMNA AROTHIYA
अगर बदलने का अर्थ
अगर बदलने का अर्थ
Sonam Puneet Dubey
बस चार ही है कंधे
बस चार ही है कंधे
Rituraj shivem verma
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Mulla Adam Ali
*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*
*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
वर्तमान लोकतंत्र
वर्तमान लोकतंत्र
Shyam Sundar Subramanian
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Ram Krishan Rastogi
*****हॄदय में राम*****
*****हॄदय में राम*****
Kavita Chouhan
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
gurudeenverma198
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
..
..
*प्रणय*
दिल
दिल
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
VINOD CHAUHAN
"खूबसूरती"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...