एक ख़ास हैं।
आस है विस्वास है उस आदमी पर
जो जिंदगी मेरी में खास है।
उम्मीद की वो किरण है
हारे का सहारा है
गरीबों की करता मदत
वो मुझे प्यारा हैं।
सूरज की तरह गर्म है
और चांद की तरह ठंडा है
स्वभाव तो देखो पानी सा
और मन पवित्र गंगा है।
इज्जत को मानता कर्त्तव्य
और धर्म को मानता सेवा है
अवतार तो देखो शिव का है
पर लोग आंकते देवा है।
देश भगति में भगत सिंह हैं
और महोब्बत में शाहजहां हैं
APJ अब्दुल कलाम जैसी ईमानदारी
और किसी में कहां है।
हम घूमे सारा जहां
हमें ऐसा कोई नहीं मिला है
जिसे बता दे अपना सारा गम
ऐसा गुनाह हमने नहीं किया है।
अब एक शख्स है लाईफ में
मेरी छोटी सी कविताई में
जिसे मैं अपनी आस मानता हूं
सोनित की लाईफ का खास पार्ट मानता हूं।
लेखक सोनित प्रजापति।