Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2021 · 1 min read

एक करप्ट जीनियस शायर

एक अंधी सियासत के मारे!
क्या करते इक़बाल बेचारे!!
मीठे अमृत बांटना छोड़कर
वह बांटने लगे ज़हर खारे!!
Shekhar Chandra Mitra
#AllamaIqbal

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ताजमहल
ताजमहल
Satish Srijan
हिन्दी दोहा -जगत
हिन्दी दोहा -जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
हकीकत
हकीकत
अखिलेश 'अखिल'
"इन्तहा"
Dr. Kishan tandon kranti
हालातों से युद्ध हो हुआ।
हालातों से युद्ध हो हुआ।
Kuldeep mishra (KD)
*ऋषि (बाल कविता)*
*ऋषि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
पूर्वार्थ
खुशी की तलाश
खुशी की तलाश
Sandeep Pande
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
Sunil Maheshwari
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Agarwal
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
* पत्ते झड़ते जा रहे *
* पत्ते झड़ते जा रहे *
surenderpal vaidya
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*प्रणय प्रभात*
Tu chahe to mai muskurau
Tu chahe to mai muskurau
HEBA
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
Rituraj shivem verma
पिता
पिता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
2 जून की रोटी की खातिर जवानी भर मेहनत करता इंसान फिर बुढ़ापे
2 जून की रोटी की खातिर जवानी भर मेहनत करता इंसान फिर बुढ़ापे
Harminder Kaur
खोल नैन द्वार माँ।
खोल नैन द्वार माँ।
लक्ष्मी सिंह
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
Phool gufran
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2608.पूर्णिका
2608.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
बच्चे कहाँ सोयेंगे...???
Kanchan Khanna
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
तंग अंग  देख कर मन मलंग हो गया
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Ishq - e - Ludo with barcelona Girl
Ishq - e - Ludo with barcelona Girl
Rj Anand Prajapati
Loading...