“एक कदम भगवता की ओर”
लोग वर्षों से एक ही सवाल
पूछते आ रहे है ….
कि आपकी बिरादरी क्या है ?
आपका धर्म क्या है ?
मजहब क्या है ?
आपका ईमान क्या है ?
कोई एक आदमी यह नहीं पूछता ?
आप आदमी भले लगते हो ?
आपकी तकलीफ क्या है…?
खोजने चले है खुदा को..
उसका मार्ग क्या है ?
वह सब जीवों में बसता है ?
जब हम उन्हें पहचान नहीं सकते ?
हमारी तैयारी पूर्ण नहीं है,
आपका व्यवहार जीवों के प्रति कैसा है ?
तय करता है ……
आप आस्तिक है,या नास्तिक,
आपने अपनी रिहायश को …
स्वर्ग बना रखा या नरक,
आप मुक्त है कि गुलाम,
आपको मोक्ष चाहिए कि गुलामी,
आपकी पसंद और व्यवहार बताता है,
डॉ महेन्द्र सिंह,