एक कडवा सच जो आपको पढना चाहिए
एक कडवा सच जो आपको पढना चाहिए
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बहुत दिनों से चर्चा ही नहीं चल रही
बल्कि …… स्वयं भी पढ़ा है कई बार कि ……बदल दिया जाएगा भारत का संविधान
ये वही संविधान है जो आज़ाद भारत का पहला संविधान हैं जिसे लिखा था अस्वस्थ होने की अवस्था में भी स्वस्थ मानसिकता से डॉ.अंबेडकर जी ने।
संविधान के बदले लाने वाले हैं मनुविधान
ये वही मनुविधान है जिसकी वज़ह से भारत का मूलनिवासी साढ़े पांच हजार साल तक रहा था गुलाम और आज तक झेल रहा है जातिगत यातनाएं
क्योंकि नहीं हो पाया आज तक भारतीय संविधान पूर्णतः लागू।
संविधान बदलने से केवल बहुजन समाज का ही अधिकार नहीं छिनेगा बल्कि समस्त …एस.सी.,एस.टी.,ओ.बी.सी.और मानियोरिटि की भी आजादी पर लग जाएगा प्रश्नचिन्ह।
और देश के नये संसद भवन में लागू होगा नया मनुविधान
बदल जायेगी गणतंत्र दिवस की तारीखें
छीन जाएगा मतदान का अधिकार
बदल जाएगा देश का तिरंगा
भारत से हो जाएगा हिंदुस्तान
और स्थापित होगा राम राज्य
जहां काटे जायेंगे
शम्बूक ऋषि के शीश
कांटी जाएंगी सूफन खां की नाक
और लडवाए जायेंगे
सुग्रीव और बाली
और पैदा किए जायेंगे ….. विभिषण
और फिर करोगे तुम शुरू आत …. आंदोलन की
जिसके बीच में बैठ होंगे सिद्धू जैसे सरकार समर्थित दंगाई लोग
और परिणाम होगा
दो अप्रैल
साईनबाग
किसान आंदोलन जैसा हर्ष
क्योंकि आज आप चुप बैठोगे तो …..
जब बोलने की आजादी हो जायेगी समाप्त तब बोलोगे ???
और तब कोई ना बोलने की देगा अनुमति
और ना ही कोई सुनेगा तुम्हारी आवाज़
मिशन के नाम पर उघाने वाले चंदा और मंच से बोलने वाला बंदा …….और सत्ता में बैठने वाला अंधा ही नहीं होंगे जिम्मेदार क्योंकि ये तो नौटंकीबाज थे
है ….
और रहेंगे।
गुनहगार रहेंगे हम सब
अभी सब सोच रहे हैं कि संविधान बदलने से नुकसान होगा चमारों का तो सभी
ब्राह्मण
बनिया और
राजपूतों के अलावा जो भी लोग भारत में रहते हैं सभी को भोगना होगा इसका परिणाम
क्योंकि मनु स्मृति में है केवल तीन जातियां हिंदू
ब्राह्मण
क्षत्रिय और वैश्य
……….तो संविधान जिंदा
तो आप जिंदा
नहीं तो पढ़कर देख लेना
मनुस्मृति को सच क्या है और परिणाम क्या होगा।
संविधान जिंदा
भारत जिंदा
तिरंगा जिंदा
गणतंत्र जिंदा
शिक्षा जिंदा
अभिव्यक्ति जिंदा
स्वाभिमान जिंदा
और ज़िंदा
प्यार, इंसानियत,और आजादी जिंदा।
संविधान बचाओ
देश बचाओ
स्वयं को बचाओ।।
संविधान के अलावा आपको कोई ग्रंथ नहीं बचा सकता।
ये सच है
यही एक सच है
चाहो तो करलो एक समीक्षा।
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जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ. नरेश “सागर ”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
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गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
9149087291