एक इन्द्रधनुष सा लहराया
एक इन्द्रधनुष सा
अभी अभी
मेरी पलकों की कनखियों के
किनारों पर लहराया
किसी नई भोर का
एक सुंदर स्वप्न जो
तुम्हारे साथ बुना था
वह याद आया
न सूरज दिखा
न आसमान दिखा
बस एक प्रकाश पुंज सा
दिखा
एक तुम ही उसके बीच से
निकलते
मुझे दिखते रहे
इसके सिवाय और तो मुझे
कुछ न दिखा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001