Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

एक अधूरी दास्तां

कितनी बातों की ख़ामोशी,
उन्हें बतानी थी,
हर एक अक्स की कहानी
उन्हें बतानी थी।
सुबह की इबादत और,
शाम की अज़ान भी
उन्हें बतानी थी।
शौक चढ़े थे परवान हमारे,
ये बात भी उन्हें बतानी थी,
ख़्यालो के समुंदर में मिलकर,
डुबकियाँ जो लगानी थी।
मालूम गर हो तो छुट्टियों
के अहसास वाली
बात भी उन्हें बतानी थी।
कब वक़्त बीता उस पत्र
में लिखते गए हम यारो,
ढलते दिनों में हम
एकांत को सिमटते गए।
बंजर कहानी को उपजाऊ
करते रहे…
शिकायत उनकी थी फिर
इस कदर की पत्र लिख कर भी,
दास्ताँ अपनी अधूरी बुनते रहे।

Language: Hindi
23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙅विषम-विधान🙅
🙅विषम-विधान🙅
*प्रणय प्रभात*
मनुष्यता कोमा में
मनुष्यता कोमा में
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
Ranjeet kumar patre
2860.*पूर्णिका*
2860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
VINOD CHAUHAN
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंधेरा छाया
अंधेरा छाया
Neeraj Mishra " नीर "
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
*क्षीर सागर (बाल कविता)*
*क्षीर सागर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*सर्दी की धूप*
*सर्दी की धूप*
Dr. Priya Gupta
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
Enchanting Bond
Enchanting Bond
Vedha Singh
This Love That Feels Right!
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"मूल"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
खेल और भावना
खेल और भावना
Mahender Singh
मेरी बेटियाँ
मेरी बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
मा ममता का सागर
मा ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
"" *नवीन नवनीत* ""
सुनीलानंद महंत
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
निगाह  मिला  के , सूरज  पे  ऐतबार  तो  कर ,
निगाह मिला के , सूरज पे ऐतबार तो कर ,
Neelofar Khan
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
प्यार और विश्वास
प्यार और विश्वास
Harminder Kaur
Loading...