एक अजब सा सन्नाटा है
🙏🙏🙏🙏🙏
एक अजब सा सन्नाटा है ,उर अंतस घर आँगना।
टीस उठी है मर्म हृदय में,शोकाकुल हर भावना।
बिन आहट क्षण में आ जाता ,ले जाता है संग में,
मौत बहुत भारी होती है,कठिन काल की यातना।।
मौत आखिरी नींद नहीं है, यह अंतिम है जागरण,
मगर शोक होता अंतस में, कठिन सत्य का सामना।
जो भी इस जग में आया है, उसको जाना एक दिन,
जीवन अर्थ टटोल रहें हैं,सतत सत्य की साधना।
शाश्वत शांति सुख स्वर्ग मिले,द्वार खुला हो मोक्ष का।
जगह मिले प्रभु के चरणों में, करबद्ध यही प्रार्थना।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
🙏🙏🙏🙏🙏🙏