Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2017 · 2 min read

एकलव्य

उस वीर की याेग्यता काे निखरने से पहले राेंद दिया,
जाति की दुहाई देकर उसकाे ठुकरा दिया,
आस्था थी उसकी , आपकी छवि काे गुरु बनाया,
लक्ष्य और अभ्यास ने उसकाे अर्जुन से महान बनाया,
अपने वचन के लिये, किसी के सपनाे काे कुचल दिया,
अपनी नजराे में स्वयं काे, नीचे गिरा लिया,
विश्वास आपका डिगा ,बाेलाे द्राेण बाेलाे द्राेण ऐसा क्याे किया,
निज स्वार्थ के लिये, अपनी विद्या काे बेचा,
हिरणधनु का पुत्र वाे, सच्ची थी लगन, एकाग्रता से ज्ञान काे सींचा,
हाेकर परिपक्व धनुर्विद्या में, आपके हर शिष्य पर भारी था,
शब्द भेदी बाण का वाे ज्ञाता, निषाद जाति का गाैरव, गुरु आज्ञाकारी था,
हंसते हंसते दक्षिणा में, दिया दाहिने हाथ का अंगूठा काट, नही वह डगा,
धरा पर जाे गिरा, वाे आपका मान था, झुक गया सिर आपका, वाे ताने सीना खड़ा,
बाेलाे द्राेण, बाेलाे द्राेण …….
एक द्रुपद से बदले के लिये, दाे दाे प्रतिभावाे काे जाति की चाेट दी,
चाेट खाकर वाे महवीर बने, एक काे श्रापित हाेना पड़ा, दूजे काे चाेट दी,
धन्य है एकलव्य, धन्य उसकी धनुर्विद्या, धन्य उसकी गुरुभक्ति जाे सिखा गया,
निषाद जाति काे बिना अंगूठे से धनुर्विद्या मे सशक्त किया,
चर्चा जब गुरु भक्ताे की हाेगी, गुरुभक्ति मे नाम एकलव्य का सबसे पहले आयेगा ,
चर्चा जब धनुर्धराे की हाेगी, धनुर्धराे में नाम एकलव्य का भी आयेगा,
गुरुओ की जब बात आयेगी, द्राेण तुम्हारा कलंक हमेशा याद आयेगा,
जाे जैसा बाेएगा, वाे वैसा ही पायेगा,
एक सच्चे शिष्य का अंगूठा काटा,
कल काेई शिष्य आपका सिर काटेगा,
अर्जुन जैसा शर संधान काेई नही करेगा,
एकलव्य की ही तरह सब शर संधान करेंगे,
(आज भी बाण तर्जनी और मध्यमा से ही चलाया जाता, काेई अंगूठे का उपयाेग नही करता )
।।।जेपीएल।।।।

Language: Hindi
883 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all

You may also like these posts

दिल की बात जबां पर लाऊँ कैसे?
दिल की बात जबां पर लाऊँ कैसे?
Kirtika Namdev
गर्मी की छुट्टियां
गर्मी की छुट्टियां
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बिल्ली का डर
बिल्ली का डर
अरशद रसूल बदायूंनी
मदहोशियां कहाँ ले जाएंगी क्या मालूम
मदहोशियां कहाँ ले जाएंगी क्या मालूम
VINOD CHAUHAN
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
Anil Mishra Prahari
अतीत
अतीत
Neeraj Agarwal
#रंग (व्यंग्य वाण)
#रंग (व्यंग्य वाण)
Rajesh Kumar Kaurav
चंड  मुंड  संघारियां, महिसासुर  नै  मार।
चंड मुंड संघारियां, महिसासुर नै मार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
खुशियों की सौगात
खुशियों की सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़िन्दगी में कभी कोई रुह तक आप के पहुँच गया हो तो
ज़िन्दगी में कभी कोई रुह तक आप के पहुँच गया हो तो
शिव प्रताप लोधी
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी से जिंदगी को ,
जिंदगी से जिंदगी को ,
रुपेश कुमार
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
I may sound relatable
I may sound relatable
Chaahat
आदमी
आदमी
अखिलेश 'अखिल'
दोहा पंचक. . . . . विविध
दोहा पंचक. . . . . विविध
sushil sarna
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
Vijay kumar Pandey
उफ्फ्फ
उफ्फ्फ
Atul "Krishn"
*कलियुग*
*कलियुग*
Pallavi Mishra
■ एक_पैग़ाम :-
■ एक_पैग़ाम :-
*प्रणय*
अपने हर
अपने हर
Dr fauzia Naseem shad
3392⚘ *पूर्णिका* ⚘
3392⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
" बहाना "
Dr. Kishan tandon kranti
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
कवि रमेशराज
13.प्रयास
13.प्रयास
Lalni Bhardwaj
कहाँ मिलोगे?
कहाँ मिलोगे?
Rambali Mishra
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
Loading...