एकता
कहीं दर्द का नाम नहीं हो
मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l
घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा
नफरत का कोई काम नहीं हो ll
आओ मिलकर शपथ उठाएं
ऐसा एक नवभारत बनाएं l
आजादी की अमृत-उत्सव पर
एकता का हम दीप जलाएं ll
✍️_ राजेश बन्छोर “राज”
हथखोज (भिलाई), छत्तीसगढ़, 490024