एकतरफा इश्क़
इस राह की कोई मंज़िल नहीं,
सुकून से बहता जा रहा हूँ।
ये दिल तेरी दूरियों से वाकिफ़ है,
तेरे इश्क़ में खोता जा रहा हूँ।
तेरे करीब ना होने के दर्द को,
मुस्कुराते हुए सहता जा रहा हूँ।
हकीकत में तू किसी और की है,
सपनों में तेरा होता जा रहा हूँ।
इसी राह में तेरी खुशी है,
अपने दिल से कहता जा रहा हूँ।
– सिद्धांत शर्मा