” ऊँट “
” ऊँट ”
मैं रेगिस्तान का जहाज हूँ,
राजस्थान का सर-ताज हूँ।
बिन भोजन-पानी के भी
करता रहता सब काज हूँ।
कूबड़ देख चाहे जितना हँसो,
इसमें छुपा लेता कई राज हूँ।
” ऊँट ”
मैं रेगिस्तान का जहाज हूँ,
राजस्थान का सर-ताज हूँ।
बिन भोजन-पानी के भी
करता रहता सब काज हूँ।
कूबड़ देख चाहे जितना हँसो,
इसमें छुपा लेता कई राज हूँ।