Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Mar 2017 · 1 min read

उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त हो अब मोदी जी

मोदी जी अब हमे एक ही वचन चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
ना कोई दलित ना कोई बनिया ना ही ब्राह्मण
सारी जातिगत भेदभाव को मिटाईये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
शिक्षा पर सभी का समान हक होना चाहिये
सामान्य भरे 500 तो अन्य के 100 नही होने चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
जिसने की मेहनत वहीं बस मीठे फल खाइये
अपनी अपनी केटेगिरी में ही नौकरी मिलनी चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
हिंदू हो या मुस्लिम करोडो में हैं जानिये
तदाद इतनी है तो अल्पसंख्यक नहीं होने चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
40% एससी 80% सामान्य नहीं बल्कि
चिकित्सा में बराबरी के अंक होने चाहिये
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…
बुन्देलखंड है शान धरा की इतिहास गवाह है
इसे उ.प्र. से अलग राज्य बनाइये मोदी जी
अब उ.प्र. भी आरक्षण मुक्त होना चाहिये…

लेख िका- जयति जैन , रानीपुर झांसी उ.प्र.

Language: Hindi
1 Comment · 420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
" can we take a time off from this busy world, just to relax
पूर्वार्थ
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
Rj Anand Prajapati
एक विज्ञापन में दिखाए गए
एक विज्ञापन में दिखाए गए "तानसेन" के अलाप को सुन कर लगता है
*प्रणय*
नज़र नहीं आते
नज़र नहीं आते
surenderpal vaidya
*Hey You*
*Hey You*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिसके हृदय में जीवों के प्रति दया है,
जिसके हृदय में जीवों के प्रति दया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
*सौ वर्षों तक जीना अपना, अच्छा तब कहलाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Kumud Srivastava
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
करके  जो  गुनाहों  को
करके जो गुनाहों को
Dr fauzia Naseem shad
4326.💐 *पूर्णिका* 💐
4326.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
Rachana
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
फूल या कांटे
फूल या कांटे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
मात्र एक पल
मात्र एक पल
Ajay Mishra
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
Ravikesh Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
निरर्थक शब्दों में अर्थ
निरर्थक शब्दों में अर्थ
Chitra Bisht
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला  गुजरता अनेक गलियों से ,
“ख़्वाहिशों का क़ाफ़िला गुजरता अनेक गलियों से ,
Neeraj kumar Soni
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
कैसी घड़ी है, कितनी खुशी है
gurudeenverma198
Loading...