उसूल
जब एक उसूल
दूसरे से मिला,
कहने लगा
हमें बनाकर लोग
वसूली केंद्र लेते है बना.
व्यर्थता रोक लेते है जगहां,
समझ कर सिगरेट,
लेते है जला,
शरीर अपना,
दुभर करते है,
दूसरों का,
अब पहले वाले,
तू ही,
दूसरे उसूल को,
दे बता,
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस