उसूलों को जीवन का आदर्श बनाए…
हमें किसी से नफरत नहीं ,
गोया लोग ऐसा समझते हैं ।
हम बड़े अनुशासन प्रेमी है ,
और वो हमें दीवाना कहते है ।
अनुशासन और समय प्रबंधन ,
इन्हें जीवन में जरूरी समझते हैं।
सही को सही गलत को गलत,
सपष्टवादिता को उत्तम समझते है ।
यह सब हमारे उसूल ही तो है ,
आदर्श जीवन ऐसे मनुष्य ही जीते हैं।
हमारा उसूल है अनुशासन प्रियता,
और समय के पाबंद हम रहते हैं।
नहीं हैं यह आज आधुनिक जगत में,
पीढ़ी दर पीढ़ी इसकी कमी तभी पाते हैं।
उस पर करे यदि कोई अनुशासन की बात ,
उसे आज के लोग पिछड़ा हुआ समझते हैं।
भले ही लोग हमें कुछ भी समझें ,तो क्या!
हम हर बुराई / संकट से तो बचे रहते हैं।
जो मनुष्य उसूलों पर जिए आदर्श जीवन,
और मृत्यु उपरांत वही परम मुक्ति पाते हैं।