उसने मुझको प्यार से रोका नहीं
2122………2122……..212
उसने मुझको प्यार से रोका नहीं।
क्या मेरे हाथों में वो रेखा नहीं।
हम तो बैठे थे तुम्हारी राह में,
तुम थे गुजरे आंख का धोका नहीं।
जा रहा था मैं भला क्यों हार कर,
तुमने भी मुझको कभी रोका नहीं,
जो हमें दे पाता इक पल चैन भी,
वो हवा का झोंका भी आया नहीं,
प्रेम है क्या हम उसे प्रेमी कहें,
मीरा बन के जो कभी घूमा नहीं।
……..✍️ प्रेमी