Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2024 · 1 min read

उसकी याद में क्यों

उसकी याद में क्यों
आंसू बहाये हमने
जिसने किसी और की
आगोश में बिताये लम्हे

चित्रा बिष्ट

1 Like · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
घनाक्षरी
घनाक्षरी
surenderpal vaidya
The Sky Above
The Sky Above
R. H. SRIDEVI
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
कभी उनका
कभी उनका
Dr fauzia Naseem shad
◆आज की बात◆
◆आज की बात◆
*प्रणय*
मेरे जीवन में सबसे
मेरे जीवन में सबसे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ईश्वर
ईश्वर
Neeraj Agarwal
बेशर्मी के कहकहे,
बेशर्मी के कहकहे,
sushil sarna
3900.💐 *पूर्णिका* 💐
3900.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बदलता साल
बदलता साल
डॉ. शिव लहरी
बेसहारों को देख मस्ती में
बेसहारों को देख मस्ती में
Neeraj Mishra " नीर "
इश्क इवादत
इश्क इवादत
Dr.Pratibha Prakash
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
नींद
नींद
Diwakar Mahto
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
ग़ज़ल (जब भी मेरे पास वो आया करता था..)
डॉक्टर रागिनी
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
Rj Anand Prajapati
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पढ़े-लिखे पर मूढ़
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लोकोक्तियां (Proverbs)
लोकोक्तियां (Proverbs)
Indu Singh
अब के मौसम न खिलाएगा फूल
अब के मौसम न खिलाएगा फूल
Shweta Soni
आँखों में ज़िंदगी है ज़िंदगी एक ख़्वाब है,
आँखों में ज़िंदगी है ज़िंदगी एक ख़्वाब है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जानती हो दोस्त ! तुम्हारी याद इक नाव लेकर आती है। एक ऐसी नाव
जानती हो दोस्त ! तुम्हारी याद इक नाव लेकर आती है। एक ऐसी नाव
पूर्वार्थ
"स्वास्थ्य"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता
पिता
Dr. Rajeev Jain
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...