उलझन
किसकी किससे जात बड़ी
छोटा मुँह और बात बड़ी
* *
मेरे छोटे से दामन में
देना मत शौगात बड़ी
* *
जो रहते दिल के करीब
वो ही करते घात बड़ी
* *
जोड़ घटाना सुख सुविधा
बस मेरी औकात बड़ी
* *
उलझन कैसी कहो “विजय”
चादर छोटी लात बड़ी।।
विजय बेशर्म
गाडरवारा मप्र
9424750038