Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2023 · 1 min read

उम्मीद

सुनिए!
आपने कहा था एक दिन!
कि आदमी को उम्मीद का दामन
यों ही नहीं छोड़ देना चाहिए!
क्योंकि……
पतझड़ में झड़ जाते हैं
पुराने पत्ते!
सुबह खिले फूल,शाम को
मुरझा जाते हैं!
बाल सूर्य, परवान चढ़ता है,
ढलता है, और छिप जाता है!
धीरे-धीरे घिरती, काली और
डरावनी रात के बीत जाने पर,
उजाले में सृष्टि निखरती है!
घिरते हैं श्याम घन, आपदाओं की मानिंद
बरस पड़ते हैं; और
धरा के तप्त हृदय को
शीतल कर,खो जाते हैं अनंत में!
आते हैं और चले जाते हैं
दुःख तथा निराशाएं भी!
समय के अनवरत पथ में
आते हैं अनगिनत मगर
विचलनकारी, उतार-चढ़ाव!
ईंधन के चुक जाने तक,
चलती है न फिर भी गाड़ी
जिंदगी की!
ये बात,
बहुत मायने रखती है
हारे को हिम्मत देने के लिए!
मैं आज भी,
चल रही हूं
उसी पथ!
ढल रही हूंँ,सांचे में समय के,
निखरने के लिए!
क्योंकि अभी भी
हिलती हैं शाखें कुछ कोंपलों वाली
हवाओं के साथ बूढ़े बरगद की!
खिली हैं कलियां
कितनी ही,
आशाओं के आँगन में,
फूल बन, बिखरने के लिए!

विमला महरिया “मौज”

Language: Hindi
1 Like · 153 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मातु शारदे करो कल्याण....
मातु शारदे करो कल्याण....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Dear Cupid,
Dear Cupid,
Vedha Singh
सोना  ही रहना  उचित नहीं, आओ  हम कुंदन  में ढलें।
सोना ही रहना उचित नहीं, आओ हम कुंदन में ढलें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
★महाराणा प्रताप★
★महाराणा प्रताप★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
नहीं कोई धरम उनका
नहीं कोई धरम उनका
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अरे ! मुझसे मत पूछ
अरे ! मुझसे मत पूछ
VINOD CHAUHAN
नया नया अभी उजाला है।
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम्हारी हाँ है या ना ?
तुम्हारी हाँ है या ना ?
Dr. Rajeev Jain
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
कवि रमेशराज
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
Shweta Soni
****हमारे मोदी****
****हमारे मोदी****
Kavita Chouhan
अपनी सत्तर बरस की मां को देखकर,
अपनी सत्तर बरस की मां को देखकर,
Rituraj shivem verma
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है
Bhupendra Rawat
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
पूर्वार्थ
आप या तुम
आप या तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
प्यार सजदा है खूब करिए जी।
सत्य कुमार प्रेमी
3058.*पूर्णिका*
3058.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" त्यौहार "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में,
जीवन में,
नेताम आर सी
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
Indu Singh
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
माँ जन्मदात्री , तो पिता पालन हर है
Neeraj Mishra " नीर "
सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
तू भी इसां कहलाएगा
तू भी इसां कहलाएगा
Dinesh Kumar Gangwar
जंगल, जल और ज़मीन
जंगल, जल और ज़मीन
Shekhar Chandra Mitra
#आज_का_संदेश
#आज_का_संदेश
*प्रणय*
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है...
Ajit Kumar "Karn"
Loading...