Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2020 · 1 min read

उम्मीद मत रखिए

उम्मीद मत रखिए किसी से दिलनवाज़ी की,
खिदमत अब करते हैं लोग बस दिखावे की।
बड़े अदब से पेश आते हैं दौलत वालों से,
इज़्ज़त नहीं करते अब लोग उम्रदराज़ो की।

— त्रिशिका श्रीवास्तव “धरा”
कानपुर (उ.प्र.)

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 313 Views
Books from Trishika S Dhara
View all

You may also like these posts

इस जीवन के मधुर क्षणों का
इस जीवन के मधुर क्षणों का
Shweta Soni
..
..
*प्रणय*
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
डॉ. एकान्त नेगी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
इस दुनिया में कई तरह के लोग हैं!
इस दुनिया में कई तरह के लोग हैं!
Ajit Kumar "Karn"
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
मैं झूठा हूँ, भीतर से टूटा हूँ।
Kirtika Namdev
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
असल आईना
असल आईना
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अंक की कीमत
अंक की कीमत
Juhi Grover
सास बहू
सास बहू
Arvina
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
वेश्यावृति की तरफ जाती युवा पीढ़ी
वेश्यावृति की तरफ जाती युवा पीढ़ी
अलका बलूनी पंत
लौट के आजा हनुमान
लौट के आजा हनुमान
Baldev Chauhan
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
कटलो से ना कटे जीनिगी
कटलो से ना कटे जीनिगी
आकाश महेशपुरी
योग ब्याम ,ध्यान कर लिए करे
योग ब्याम ,ध्यान कर लिए करे
goutam shaw
ज़िंदगी जीने के लिए है
ज़िंदगी जीने के लिए है
Meera Thakur
राम की मंत्री परिषद
राम की मंत्री परिषद
Shashi Mahajan
गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
नव रात्रि में शक्तियों का संचार
नव रात्रि में शक्तियों का संचार
Santosh kumar Miri
तेरा
तेरा "आप" से "तुम" तक आना यक़ीनन बड़ी बात है।
शशि "मंजुलाहृदय"
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
“सोच खा जाती हैं”
“सोच खा जाती हैं”
ओसमणी साहू 'ओश'
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...